खनिज किसे कहते हैं| Khanij kise kahte hain|खनिज का परिभाषा|खनिज कितने प्रकार के होते हैं-
हम अपने जीवन मे अनेक वस्तुए का उपयोग में लाते हैं। यह वस्तुए बिभिन्न धातुए से बना होता है ।जैसे रेलगाड़ी,वाहन ,कार इत्यादि यातायात के साधन लोहे से बना होते हैं।इसी प्रकार हमारे घर मे खाना बनाने के लिए स्टील धातु का इस्तेमाल करते हैं।दोस्तों इस आर्टिकल में आज हमने बात करने वाले हैं कि खनिज क्या है ?खनिज कितने प्रकार के होते हैं।तथा हमारे देश मे कौन कौन प्रमुख खनिज है।
खनिज किसे कहते हैं | What is mineral
खनिज ऐसे भौतिक पदार्थ हैं जो खान से खोद कर निकाले जाते हैं। कुछ उपयोगी खनिज पदार्थों के नाम हैं - लोहा, अभ्रक, कोयला, बॉक्साइट (जिससे अलुमिनियम बनता है), नमक (पाकिस्तान व भारत के अनेक क्षेत्रों में खान से नमक निकाला जाता है!), जस्ता, चूना पत्थर इत्यादि|
खनिज दो प्रकार के होते हैं
1.धात्विक
2.अधत्विक
धात्विक खनिज किसे कहते हैं?
जिन खनिज अयस्क को खुदाई में से निकाल कर शुध्द करने के पश्चात् धातु प्राप्त की जाती हैं. यह खनिज मूलरूप से कठोर होते हैं. उसे धात्विक खनिज कहा जाता है. धात्विक खनिज के उदाहरण लौह अयस्क, निकेल, कोबाल्ट, मैगनीज इत्यादि.
अधात्विक खनिज किसे कहते हैं?
जिन खनिज अयस्क को खुदाई में से निकाल कर शुध्द करने के पश्चात् अधातु प्राप्त की जाती हैं. उन खनिज को अधात्विक खनिज कहा जाता है. अधात्विक खनिज के उदाहरण अभ्रक, ग्रेनाइट, सल्फर पोटाश, लवण इत्यादि है.
खनिज संपदा की दृष्टि से भारत की गणना विश्व के खनिज संसाधनसम्पन्न देशो में की जाती है। भारत के प्रमुख खनिज संसाधन निम्नलिखित हैं:-
1)लौह अयस्क (Iron ore)
विश्व मे इस खनिज का जितना संचित भंडार है,उसकी एक चौथाई (28 अरब टन अनुमानित) भारत मे है। भारत मे लौह अयस्क सर्वोच्च कोटि का है,जिसमे सुद्ध लौहे का अंश 60 से 90 प्रतिशत है।
भारत मे सबसे अधिक लोह अयस्क झारखंड और ओडिसा के क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
2)कोयला (Coal)
कोयला ईंधन ओर सक्ति का प्रमुख साधन है।चूल्हा जलाने से लेकर समुद्री जहाज एवं रेलगाड़ी चलाने तथा लोहा गलाने में इसका उपयोग किया जाता है।भारत के कुल कोयला भंडार का 60% झारखंड ओर प० बंगाल की कोयला पट्टी मिलता है।
3)मैंग्नीज (Manganese)
मैंग्नीज का उपयोग प्रमुख रूप से बिशेष प्रकार का इस्पात बनाने में ,रसायन-उद्योग में,सुद्ध बैटरियों के निर्माण में तथा सीसा व चीनी -मिट्टी के बर्तनो पर रंग चढ़ाने में किया जाता है।विश्व मे सबसे अधिक मैंग्नीज उत्पन्न करने वाला भारत तीसरा स्थान है।
4)अभ्रक (Mica)
यह भारत के खनिजो में सबसे महत्वपूर्ण है,जो हमारे देश मे प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है।पूरे विश्व का दो-तिहाई अभ्रक भारत से ही प्राप्त होता है।कुचालक होने के कारण बिजली उधोग ,वायुयान ओर रेडियो निर्माण में भी इसका उपयोग किया जाता है।अभ्रक के चूरे से हल्की ईट भी बनाई जाती है,जिसका उपयोग इस्पात कारखानो में होता है।भारत मे सबसे ज्यादा अभ्रक झारखंड राज्य में होता है।
5)बॉक्साइट (Bauxite)
एल्युमीनियम का स्रोत होने के कारण बॉक्साइट की गणना महत्वपूर्ण खनिजो में कई जाती है।अलुमिनियम का उपयोग वायुयान-निर्माण ,बिजली का तार बनाने में,जलयानों की पेंदी पर चादर लगाने ,बर्तन बनने में ओर अब सीमेंट बनाने एवं खनिज तेल साफ करने में भी होता है।
6)ताँबा (Copper)
ताँबा बिजली का उत्तम सुचालक होने के कारण बिजली के तार ,बल्ब,मोटर इंजन और रेडियो में इसका उपयोग किया जाता है।प्रचीनकाल में घरेलू बर्तन ओर सिक्के बनाने में इसका उपयोग होता था।
7)पेट्रोलियम (Petroleum)
पेट्रोलियम को आधुनिक सभ्यता की रीढ माना जाता है।इसका उपयोग मुख्य रूप से वायुयान,जलयान और मोटरगड़ियां चलाने में ईंधन के रूप में ओर अनेक उधोग के कच्चे माल के रूप में होता है। साथ ही इससे कई प्रकार के रासायनिक पदार्थ भी तैयार किये जाते हैं।
भारत मे आवश्कता से कम उत्पादन होने के कारण सऊदी अरब ,कुवैत, ईरान, इराक,इंडोनेशिया और म्यामांर से आयात करना पड़ता है।
8)प्राकृतिक गैस (Natural Gas)
प्राकृतिक गैस का उपयोग मुख्यता:उर्वरक उधोगों, स्कतिगृहों को ऊर्जा प्रदान करने में ओर घरेलु ईंधन के रूप में किया जाता है।
9)सोना (Gold)
सोने की गणना बहुमूल्य धातुओं में कई जाती है।इसका उपयोग मुख्यतः आभूषणों के निर्माण में किया जाता है।
भारत मे एकमात्र उत्पादन केंद्र कोलार(कर्नाटक में) है।यहाँ की खान संसार की सबसे गहरी खानो में एक है।आंध्रप्रदेश ,तमिलनाडु, मध्यप्रदेश, झारखंड, के सिंहभूम में और ओडिसा के गंजाम और कोरपुत में भी स्वर्ण भंडार हैं।
दोस्तों इस लेख में हमने भारत के प्रमुख खनिज संपदा के बारे में वर्णन किया है। उपरोक्त में हमने सारी खनिज संपदा का वर्णन कर दिया है ,तो दोस्तों या लेख कैसी लगी कमेंट में जरूर बताएं क्योंकि मैं चाहता हूं कि अच्छा से अच्छा लिखने का प्रयास करू।
धन्यवाद
Written by SANTOSH KUMAR RANA
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