इस दिन जारी होगा झारखंड 12th आर्ट्स और कमर्स का रिजल्ट

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 Written By Santosh Rana  JAC 12th Arts Results #JAC12thArtsresults #JACArtscommerceResult2023 JAC Board Arts Commerce Result 2023:जैक बोर्ड ने मैट्रिक एवं इंटर साइंस का रिजल्ट जारी करने के बाद कॉमर्स एवं आर्ट्स का रिजल्ट जारी करने की तैयारी में लग गया था जैसा कि जैक बोर्ड ने बताया था कि मैट्रिक एवं इंटर साइंस के रिजल्ट जारी होने के 1 सप्ताह बाद आर्ट्स एवं कॉमर्स का रिजल्ट जारी कर दिया जाएगा तो फाइनली जैक बोर्ड के तरफ से सारी तैयारी भी पूरी कर ली गई है एवं रिजल्ट अब कभी भी जारी किया जा सकता है. जैक बोर्ड के अर्थ में तकरीबन 2.12 परीक्षार्थी शामिल हुए थे वही कॉमर्स में तकरीबन 38000 परीक्षार्थी शामिल हुए थे इन विद्यार्थियों का रिजल्ट का इंतजार बहुत ही जल्दी खत्म होने वाला है क्योंकि जैक बोर्ड के तरफ से कक्षा 12वीं आर्ट्स एवं कॉमर्स का रिजल्ट 30 मई को ही जारी कर दिया जाएगा. जैक बोर्ड रिजल्ट की सारी प्रक्रिया सोमवार यानी कि 29 मई को तक पूरी कर ली जाएगी एवं रिजल्ट 30 मई को जारी कर दिया जाएगा वहीं अगर इसमें 1 दिन की देरी हुई तो रिजल्ट 31 मई को जारी किया जाएगा और यह रिजल्ट दोपहर के 2:...

झारखंड राज्य का स्थापना दिवस एवम बिरसा मुंडा जयंती दिवस

      

  झारखंड राज्य स्थापना दिवस | विरसा मुंडा जयंती |JHARKHAND RAJY STHAPNA DIWAS   |JHARKHAND FOUNDATION DAY   

                                          By Santosh Rana

                              

   झारखंड राज्य स्थपना दिवस और बिरसा मुंडा की जयंती।                                                               भगवान बिरसा मुंडा जयंती के महानायक इतिहास।         15 नवंबर 1875 जन्म।                                            9 जून 1900 मृत्यु                                                   भारतीय इतिहास के बिरसा मुंडा एक ऐस नायक थे जिन्होंने भारत के झारखंड में अपने क्रांतिकारी चिंतन से 19वी शताब्दी के उत्तरा ध्रुव मैं आदिवासी समाज के दशा और दिशा बदल कर नवीन सामाजिक और राजनीतिक सूत्र का प्रतिपादन किया काले कानून को चुनौती देकर बर्बर ब्रिटिश साम्राज्य को संकट में डाल दिया 15 नवंबर 1875 को झारखंड के आदिवासी दंपति सुगना और करमी के घर में जन्में बिरसा मुंडा।  इन्होंने हिंदू धर्म और ईसाई धर्म को बारीकी से अध्ययन किया तथा इस  निष्कर्ष पर पहुंचे कि आदिवासी समाज मिशनरियों से तो भर्मित ही है हिन्दू धर्म को ना तो ठीक से समझ पा रहा है, ना तो ग्रहण कर पा रहा है। बिरसा मुंडा ने महसूस किया कि आचरण के धरातल पर आदिवासी समाज की अंधविश्वासों की आंधियों में तीनेके सा उड़ रहा है तथा आस्था के मामले में भटका हुआ है उन्होंने यह भी अनुभव किया कि सामाजिक के आदिवासी ज्ञान के प्रकाश से वंचित किया है भारतीय जमींदारियों और जागीरदारों ब्रिटिश सरकार के शोसान की भट्ठी में आदिवासी समाज झुलज  रहा था।                                                           और इस अतना को सुलझाने के लिए उन्होंने तीन मार्ग चुना। पहला हैं कि सामाजिक स्तर पर ता की आदिवासी समाज के अंधविश्वास को चंगुल से छूट कर पाखंड के पिंजरे से बाहर आ सके।  इसके लिए उन्होंने सामाजिक स्तर पर आदिवासियों को स्वस्था का मार्ग दिखाया शिक्षा का महत्व समझाया। इसके बाद तत्कालीन ब्रिटिश शासन बौखलाया फिर बिरसा  मुंडा के खिलाफ हो गया उन्होंने  बिरसा मुंडा को साजिश रचकर  फसाने  की काली करतूत प्रारंभ की दूसरा है कि आर्थिक स्तर पर पर सुधार ताकि आदिवासी समाज को जमींदारों और जागीरदारों आर्थिक संकट से मुक्त पा सके बिरसा मुंडा ने जब सामाजिक स्तर पर जोड़ दिया तो आर्थिक स्तर पर आदिवासी समाज अपने आप समझने लगे के विरुद्ध एवं संगठित हो गए बिरसा मुंडा ने इसके नेतृत्व का कामना संभाली आदिवासियों ने बेगारी प्रथा के विरुद्ध जबरदस्त आंदोलन किया परिणाम स्वरूप जमींदारों और जागीरदारों के घरों तथा खेतों और वन की भूमि पर कार्य रुक गया।   तीसरा था राजनीतिक स्तर पर आदिवासियों को संगठित करना उन्होंने सामाजिक और राजनीति का स्तर पर आदिवासियों की चेतना की चिंगारी सुलझा दी थी राजनीतिक स्तर पर आग बनने मै देर नहीं लगी।   बिरसा मुंडा को सही मायने में कहा जाए तो एक पराक्रम सामाजिक जागरण के धरातल पर तत्कालीन युग के एकलव्य और स्वामी विवेकानंद थे। ब्रिटिश हुकूमत ने इसे खतरे का संकेत समझकर बिरसा मुंडा को ग्रिफ्तार कर के जेल में डाल दिया था। वहां अंग्रेजों ने खाना में धीमी जहर दे कर बिरसा मुंडा को मार दिया गया जिसके कारण 9 जून 1900 को शहीद हो गए बिरसा मुंडा की गणना महान देशभक्तों से की जाती है                                                 झारखंड (Jharkhand):-।  झारखंड  भारत का एक प्रमुख राज्य है झारखंड राज्य में बहुत बड़ी संख्या में  वन झाड़ जैसी अनेक वनस्पतियां पाई जाती है  यही कारण है कि झारखंड राज्य का यह छोटा नागपुर पठार पर बसा हुआ है जो गंगा के मैदानी भाग दक्षिण में स्थित है झारखंड का शाब्दिक अर्थ 'वन का क्षेत्र' माना जाता है। झारखंड शब्द का प्रयोग 400 साल पहले 16 वी शताब्दी में हुआ झारखंड पुराने बिहार के ज्यादातर दक्षिणी हिस्से और छत्तीसगढ़ पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ-कुछ आदिवासी जिले शामिल है झारखंड में भारत की 90% लगभग अनुसूचित जनजाति का निवास स्थल है संपूर्ण भारत में वनों के अनुपात में यह प्रदेश एक अग्रणी राज्य माना जाता है तथा वन जीयो के संरक्षण के लिए मशहूर है। 15 नवंबर 2000 को भारत संघ के 28 वे राज्य के रूप में झारखंड राज्य का निर्माण हुआ। झारखंड राज्य आदिवासियों के गृह भूमि है। झारखंड राज्य उत्तर पूर्वी भाग में स्थित है और इसे जंगल ऑफ फॉरेस्ट या  बुशलैंड भी कहा जाता है झारखंड राज्य में 24 जिले हैं क्षेत्रफल 79716 वर्ग किलोमीटर है जो इस क्षेत्रफल के आधार पर भारत का 15 वा राज्य बड़ा माना जाता है यहां का पर्यटक स्थल बहुत ही आकर्षक है जैसे अद्भुत झरने पहाड़ियां पर्यटक पवित्र स्थल (वैधनाथ धाम, पारसनाथ, रजरपा) आदि। बता दे कि झारखड मै कोयला, लौह अयस्क, तांबा अयस्क, यूरेनियम, अभ्रक, बॉक्साइट ग्रेनाइट , चूना पत्थर, चांदी, डोलोमाइट जैसे खनिज संसाधनों में प्रसिद्ध है। एक प्राचीन कथा से ज्ञात होता है कि उड़ीसा के राजा जयसिंह ने 13 वी शताब्दी में खुद को झारखंड राज्य का शासक घोषित कर के अपना शासन किया। झारखंड राज्य का छोटा नागपुर पठार और संथाल परगना के वन छेत्र सामिल है यहां की सांस्कृतिक परंपराएं विशिष्ट है  स्वतंत्रा की प्राप्ति के बाद यहां की झारखंड मुक्ति मोर्चा ने झारखंड को नियमित आंदोलन किया जिसके कारण सरकार ने 1995 में झारखंड क्षेत्र की परिषद की स्थापना की और राज्य का निर्माण हुआ बाबूलाल मरांडी झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री थे और 2006 में भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर झारखंड विकास मोर्चा की स्थापना की।                                              जय झारखंड जोहार।

                              जय भारत          



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